नवाचार से प्रेरित, अनुभव से निर्देशित
हमारा बोर्ड आठ डायरेक्टर्स की एक उत्कृष्ट टीम है, जो अपने विभिन्न इंडस्ट्रीज़ के व्यापक अनुभव के साथ हमारे निर्णय प्रक्रिया को बेहतर बनाती और विविधता प्रदान करती है.
श्री वेणु श्रीनिवासन एक सफल इंजीनियर हैं और यूएसए के पर्ड्यू यूनिवर्सिटी से एमबीए ग्रेजुएट हैं। वे 1979 में टीवीएस मोटर की होल्डिंग कंपनी सुंदरम-क्लेटन के सीईओ बने और भारत में टू-व्हीलर इंडस्ट्री में क्रांति लाने का एक बड़ा श्रेय उन्हें जाता है। भारत में उनके द्वारा की गई जॉइंट वेंचर्स और न्यू जनरेशन टू-व्हीलरों की शुरुआत ने भारतीय कंपनियों के लिए विश्व-स्तरीय बनने और उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता और इनोवेशन की संस्कृति के साथ असाधारण प्रोडक्ट्स बनाने का मार्ग प्रशस्त किया। उन्हें कई अवॉर्ड और सम्मान प्राप्त हुए हैं, जिनमें 2014 में कोरिया गणराज्य के राष्ट्रपति से मिला ऑर्डर ऑफ डिप्लोमेटिक सर्विस मेरिट अवॉर्ड, 2004 में ऑल-इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन से मिला जेआरडी टाटा कॉर्पोरेट लीडरशिप अवॉर्ड और भारत के राष्ट्रपति से क्रमशः 2010 और 2020 में प्राप्त हुए पद्म श्री और पद्म भूषण अवॉर्ड शामिल हैं। टोटल क्वालिटी मैनेजमेंट (टीक्यूएम) में अपने योगदान के लिए वे 2019 में डेमिंग 'डिस्टिंग्विश्ड सर्विस अवॉर्ड फॉर डिस्सेमिनेशन एंड प्रमोशन ओवरसीज़' अवॉर्ड पाने वाले पहले भारतीय उद्योगपति थे। वर्तमान में, श्री श्रीनिवासन टीवीएस मोटर कंपनी के मानद चेयरमैन हैं.
श्री सुदर्शन वेणु यू.एस. के पेन्सिल्वेनिया यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट और टेक्नोलॉजी में जेरोम फिशर प्रोग्राम में ऑनर्स के साथ ग्रेजुएट हैं। उनके पास पेन्सिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के ही स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ साइंस और व्हार्टन स्कूल से इकोनॉमिक्स में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री भी है। इसके अलावा, उन्होंने यूनाइटेड किंगडम में वारविक यूनिवर्सिटी के एक डिपार्टमेंट, 'वारविक मैन्युफैक्चरिंग ग्रुप' से इंटरनेशनल टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट में मास्टर्स डिग्री भी प्राप्त की है। अपने मास्टर्स प्रोग्राम के दौरान श्री वेणु ने सुंदरम-क्लेटन लिमिटेड और टीवीएस मोटर कंपनी लिमिटेड के डाई कास्टिंग डिवीज़न में व्यावहारिक अनुभव भी प्राप्त किया। अफ्रीका, आसियान और लैटिन अमेरिका में टीवीएस मोटर के अंतर्राष्ट्रीय विस्तार में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। श्री वेणु को अग्रणी बिज़नेस मैगज़ीन फोर्ब्स इंडिया द्वारा जेननेक्स्ट लीडर ऑफ इंडिया इंक के रूप में सम्मानित किया गया है। वे वर्तमान में टीवीएस मोटर कंपनी लिमिटेड और टीवीएस होल्डिंग्स लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं.
रिटेल एसेट, इंश्योरेंस, कार्ड और वेल्थ मैनेजमेंट जैसे विभिन्न फाइनेंशियल डोमेन में 25 वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ, हमारे सीईओ, आशीष सपरा बड़े पैमाने पर डिजिटलीकरण, कस्टमर की संख्या में वृद्धि और समग्र विकास द्वारा टीवीएस क्रेडिट को परिवर्तनकारी दौर में ले जा रहे हैं. प्रॉफिट और लॉस (पीएंडएल) मैनेजमेंट, डिजिटल आधारित पहलों की शुरुआत, सीनियर स्टेकहोल्डर्स मैनेजमेंट व बिज़नेस को लाभदायक बनाने में उनका व्यापक अनुभव टीवीएस क्रेडिट के बेहतर भविष्य को तैयार कर रहा है. उनके मार्गदर्शन के तहत, संगठन की कुल आय पिछले वर्ष की तुलना में एफवाई 23 में 51% तक बढ़ गई. संगठन को ग्रेट प्लेस टू वर्क इंस्टीट्यूट द्वारा 'ग्रेट प्लेस टू वर्क' द्वारा – कार्यस्थल संस्कृति के मूल्यांकन में "गोल्ड स्टैंडर्ड" से सम्मानित किया गया है.
हमसे जुड़ने से पहले, आशीष ने बजाज ग्रुप के साथ 14 वर्षों से अधिक समय तक काम किया, जिसमें, हाउसिंग फाइनेंस, जनरल इंश्योरेंस और एनबीएफसी सेक्टर में अग्रणी भूमिका निभाई. उनकी प्रोफेशनल यात्रा में अमेरिकन एक्सप्रेस और एचएसबीसी में बहुमूल्य अनुभव भी शामिल है. उन्होंने आईएनएसईएडी, फॉन्टेनब्लियू से एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम भी पूरा किया है.
1984 में, श्री राधाकृष्णन ने ग्रुप के साथ मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में अपनी प्रोफेशनल यात्रा शुरू की। 1984 से 1995 तक, वे सुंदरम-क्लेटन लिमिटेड में विभिन्न पदों पर रहे, जिस दौरान ब्रेक्स डिवीज़न ने डेमिंग एप्लीकेशन प्राइज़ और जापान क्वालिटी मेडल दोनों जीते। इसके बाद, वर्ष 2000 में, श्री राधाकृष्णन टीवीएस मोटर कंपनी में बिज़नेस प्लानिंग के हेड के रूप में शामिल हुए और अगस्त 2008 से वे कंपनी के सीईओ के रूप में कार्य कर रहे हैं.
श्री बी. श्रीराम एक सफल प्रोफेशनल हैं, जिनका एक यादगार करियर रहा है। वे इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस (पूर्व में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकर्स), मुंबई के एक सर्टिफिकेट प्राप्त एसोसिएट हैं और उनके पास इंडियन एकेडमी ऑफ इंटरनेशनल लॉ एंड डिप्लोमेसी, नई दिल्ली से इंटरनेशनल लॉ एंड डिप्लोमेसी में डिप्लोमा के साथ ही साथ ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन, नई दिल्ली से मैनेजमेंट में एआईएमए डिप्लोमा की डिग्री है। वे ऑनर्स ग्रेजुएट हैं तथा उनके पास सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में मास्टर्स की डिग्री भी है.
अपने करियर के दौरान, श्री श्रीराम कई एग्जीक्यूटिव पदों पर रहे हैं, जिनमें आईडीबीआई बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ तथा जुलाई 2014 से जून 2018 तक भारतीय स्टेट बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर रहना शामिल है। उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक के साथ अपने करियर की शुरुआत दिसंबर 1981 में प्रोबेशनरी ऑफिसर के रूप में की थी और उन्होंने बैंक तथा ग्रुप में क्रेडिट और रिस्क, रिटेल, ऑपरेशन, आईटी, ट्रेजरी, इन्वेस्टमेंट बैंकिंग और इंटरनेशनल ऑपरेशंस जैसे क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं.
श्री श्रीराम वर्तमान में आईसीआईसीआई बैंक के बोर्ड में एक इंडिपेंडेंट डायरेक्टर हैं तथा बैंक की विभिन्न कमिटियों के सदस्य / अध्यक्ष भी हैं। वे कई अन्य कंपनियों के बोर्ड में भी इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में कार्य करते हैं। इसके अलावा, उन्होंने कुछ परामर्शदाता पदों को भी स्वीकार किया है.
श्री आर गोपालन एक जानकार और सफल व्यक्ति हैं, जिन्होंने भारत के फाइनेंशियल क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वे एक अनुभवी व्यक्ति हैं, जो अपने करियर के दौरान कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। वे वर्तमान में पब्लिक इंटरप्राइजेज सेलेक्शन बोर्ड (पीईएसबी) के सदस्य हैं, जो प्रधानमंत्री के नियंत्रण में आता है। पीईएसबी में अपनी भूमिका से पहले, श्री गोपालन जुलाई 2012 में अपने रिटायरमेंट तक वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव थे। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने G-20 मीटिंग, एडीबी, वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ मीटिंग सहित विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रभावी तरीके से प्रतिनिधित्व किया। वे पूंजी बाजारों की कार्यप्रणाली में अनेक परिवर्तन लेकर आए और इन्फ्रास्ट्रक्चर में नए नीतिगत उपायों की शुरुआत की। आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव के रूप में कार्य करने से पहले, श्री गोपालन वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के सचिव थे, जहां वे बैंकिंग, इंश्योरेंस, और पेंशन सुधारों से संबंधित मामले देखते थे। इस भूमिका में, उन्होंने पॉलिसी आधारित दिशानिर्देशों, विधायी और अन्य प्रशासनिक परिवर्तनों के माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी), इंश्योरेंस कंपनियों और डेवलपमेंट फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशंस (डीएफआई) की सहायता की, उनके प्रदर्शन पर नज़र रखा और एनबीएफसी, प्राइवेट बैंकों तथा विदेशी बैंकों के लिए पॉलिसी बनाई। उन्होंने इंडस्ट्री, बैंकों और फाइनेंशियल संस्थानों के बीच समन्वय भी स्थापित किया और ट्रेड नेगोसिएशन के लिए डब्ल्यूटीओ की विभिन्न मंत्री-स्तरीय मीटिंग में सक्रिय रूप से भाग लिया। श्री गोपालन के पास बोस्टन यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में मास्टर्स डिग्री और जॉन एफ केनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन एंड मैनेजमेंट में मास्टर्स डिग्री है.
अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त वकील, सुश्री उनादकट, कॉर्पोरेट और एम एंड ए कानूनों में विशेषज्ञ हैं, जो उनकी प्रैक्टिस में एक वैश्विक दृष्टिकोण को शामिल कर देता है. वे बॉम्बे इनकॉर्पोरेटेड लॉ सोसाइटी और लॉ सोसाइटी ऑफ इंग्लैंड एंड वेल्स के साथ रजिस्टर्ड क्वालिफाइड सॉलिसिटर हैं. दो दशकों से अधिक के कानूनी अनुभव के साथ, वे क्लाइंट और बोर्ड के लिए एक रणनीतिक सलाहकार हैं, उन्हें विशेष रूप से एम एंड ए और कॉर्पोरेट गवर्नेंस सिद्धांतों में उनकी विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है.
सुश्री उनादकट कॉर्पोरेट गवर्नेंस, लीडरशिप, संगठनात्मक माहौल और डिसीजन-मेकिंग पर ध्यान केंद्रित करते हुए बोर्ड प्रभावशीलता पर सुझाव देती हैं. इस संबंध में उन्होंने कई कार्यशालाओं का नेतृत्व किया है और डायरेक्टर डेवलपमेंट के लिए व्यापक दृष्टिकोण के साथ 300 से अधिक डायरेक्टर्स को ट्रेनिंग दी है. एरिस में अपनी भूमिका के अलावा, वे कई सार्वजनिक कंपनियों (लिस्टेड और अनलिस्टेड दोनों) के बोर्ड में एक इंडिपेंडेट डायरेक्टर भी हैं.
वे "महिला ऑन बोर्ड" रिसर्च की सह-लेखिका हैं और भारत में कॉर्पोरेट गवर्नेंस और एम एंड ए डील की बात होने पर मीडिया में अक्सर चर्चा में बनी रहती हैं
डॉक्टरेट डिग्री धारक, डॉ. दीपाली पंत जोशी ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से आर्टस में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की है और लखनऊ विश्वविद्यालय से लॉ में ग्रेजुएशन की है। इसके अलावा, उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के हार्वर्ड एशिया सेंटर में फाइनेंस और इकोनॉमिक्स पर पोस्ट-डॉक्टोरल कार्य भी किया है (जो भारतीय रिज़र्व बैंक के द्वारा उन्हें अस्थायी रूप से सौंपा गया था). उनके पास मैक्रो-इकोनॉमिक पॉलिसी बनाने में चार दशकों से अधिक का अनुभव है. डॉ. दीपाली पंत जोशी 1981 में डायरेक्ट रिक्रूट ग्रेड B ऑफिसर के तौर पर नियुक्त हुईं और एक लंबे और सम्मानजनक करियर के बाद एग्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर के पद से रिटायर हुईं. उन्होंने आरबीआई में रूरल प्लानिंग विभाग और क्रेडिट और फाइनेंशियल इनक्लूज़न विभाग और कस्टमर सर्विस और फाइनेंशियल एजुकेशन जैसे कई विभागों का दायित्व संभाला. आरबीआई के साथ अपने लंबे करियर के दौरान, उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण पदों पर काम किया, जैसे:
उन्होंने अन्य महत्वपूर्ण कार्यभार भी संभाले, जिनमें शामिल हैंः रूरल प्लानिंग क्रेडिट डिपार्टमेंट में चीफ जनरल मैनेजर इंचार्ज, प्लानिंग कमिशन की भूमिका, गवर्नमेंट की चलाई गई स्कीम्स की उपयुक्तता पर बने 12th प्लान ग्रुप की सदस्य, माइक्रोफाइनेंस सेक्टर के विभिन्न विषयों पर बनी कमिटी में भूमिका, छोटे स्तर के बिज़नेस और कम आय वाले परिवारों के लिए उपलब्ध व्यापक सेवाओं की कमिटी में भूमिका और फाइनेंशियल समावेशन और पेमेंट सिस्टम एक्सपर्ट ग्रुप में G-20 इंडिया एक्सपर्ट.
उनकी इकोनॉमिक्स, फाइनेंशियल इनक्लूज़न और स्थायी विकास जैसे विषयों पर कई पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं.
अपना चार दशकों का करियर पूरा करने के बाद, श्री टी.सी. सुशील कुमार 2021 में लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एलआईसी) के मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से रिटायर हुए. अपने कार्यकाल के दौरान, श्री कुमार ने भारत और विदेश में एलआईसी में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहकर काम किया, जिनमें मैनेजिंग डायरेक्टर, एग्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर और ज़ोनल मैनेजर शामिल हैं. उन्होंने मार्केटिंग, सीआरएम, एचआर, फाइनेंस, ऑडिट, कॉर्पोरेट गवर्नेंस और इन्वेस्टमेंट जैसे प्रमुख विभागों को संभाला और मॉरिशस में एलआईसी के फॉरेन ऑपरेशन्स का नेतृत्व किया.
श्री कुमार को विश्लेषण और रणनीतिक बिज़नेस प्लानिंग के बारे में उनकी विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है, जिसकी बदौलत एलआईसी ने प्रथम वर्ष के प्रीमियम की आय से लेकर मार्केट में लीडर के रूप में रिकॉर्ड-तोड़ उपलब्धियां हासिल की. उन्होंने एक मार्केट रिसर्च प्रोग्राम की शुरुआत की, जिसका लक्ष्य युवाओं को आकर्षित करना था, जिसके परिणामस्वरूप, 2020-21 में 100,000 से अधिक नए एजेंटों की भर्ती हुई. उन्होंने रियल टाइम ऑटोमेटेड बिज़नेस डेटा संकलन और विश्लेषण सिस्टम को लागू किया, जिससे रणनीतिक तरीके से निर्णय लेने में मदद मिली.
एलआईसी में अपनी भूमिकाओं के अलावा, श्री कुमार ने ऐक्सिस बैंक लिमिटेड, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड, लक्ष्मी मशीन वर्क्स और नेशनल म्यूचुअल फंड (मॉरिशस) सहित कई प्रमुख कंपनियों के बोर्ड के सदस्य के रूप में कार्य किया है. वर्तमान में, वे मणप्पुरम फाइनेंस लिमिटेड, फिलिप्स कार्बन ब्लैक लिमिटेड और फर्स्ट सोर्स सॉल्यूशन्स लिमिटेड के बोर्ड में पर एक इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के तौर पर कार्य कर रहे हैं.
श्री संजीव चढ्ढा बैंक ऑफ बड़ौदा के सेवानिवृत्त एमडी और सीईओ हैं. उनके नेतृत्व में, बैंक ऑफ बड़ौदा एक प्रौद्योगिकी संचालित, अत्यधिक लाभकारी इकाई में बदल गया है और देश का चौथा सबसे बड़ा बैंक बन गया है.
बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रमुख बनने से पहले, श्री चड्ढा ने एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड के एमडी और सीईओ रह चुके हैं। वे एसबीआई कैप वेंचर्स लिमिटेड के अध्यक्ष भी रहे हैं, जहां उन्होंने स्वामी फंड लॉन्च किया। इसके अलावा, उन्होंने एसबीआई के के यूके ऑपरेशन्स का नेतृत्व किया और अपनी यूके सहायक कंपनी को सफलतापूर्वक स्थापित भी किया.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में 32 वर्ष के करियर में, श्री चढ़ा ने कॉर्पोरेट क्रेडिट में विस्तारित अवधि के लिए सेवा की और उनके अन्य असाइनमेंट में चेयरमैन, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एग्जीक्यूटिव सेक्रेटरी शामिल थे; ग्रुप हेड, एम एंड ए और कॉर्पोरेट एडवाइजरी, एसबीआई कैपिटल मार्केट्स एंड सीईओ, एसबीआई लॉस एंजेलिस.”
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