“हम सब उन चीज़ों से डरते हैं जिन्हें हम समझते नहीं हैं" - रॉबर्ट लैंगडन, द लॉस्ट सिम्बल
वे दिन गए जब लोन लेने में बहुत ज़्यादा पेपरवर्क होता था, अनावश्यक देरी होती थी और कस्टमर सर्विस इतनी खराब थी कि आप अपने सबसे बड़े दुश्मन के लिए भी ऐसी सर्विस नहीं चाहेंगे। अब लोन प्राप्त करना एक आसान काम है। पेपरवर्क लगभग समाप्त हो जाने और प्रोसेस तेज़ तथा पहले की तुलना में कस्टमर के लिए अधिक अनुकूल हो जाने के कारण, अब कार, बाइक या आपकी पसंदीदा एलईडी टीवीके लिए लोन लेना काफी आसान हो गया है.
इन सब के बावजूद, लोन लेने के बारे में कई मिथक अभी भी प्रचलित हैं। एक ऐसे समाज में जहां बचत को सद्गुण माना जाता है और क़र्ज़ की धारणा सही नहीं मानी जाती, कई भारतीय लोन लेने से हिचकते हैं क्योंकि उन्हें डर लगता है कि वे इसे चुका नहीं पाएंगे। यह डर किसी फाइनेंशियल संस्थान की ठेठ छवि से और भी बढ़ जाता है – एक शांत और रोक-टोक वाला स्थान जहां सख्त से दिखने वाले बैंकर कई प्रश्न पूछते हैं और आपको एक जटिल प्रक्रिया में उलझा देते हैं.
लेकिन, अच्छी बात यह है कि मिथक गुब्बारों की तरह होते हैं - वे ऊंचे उठ सकते हैं और दूर तक जा सकते हैं, लेकिन उनमें गैस भरी होती है और उन्हें फोड़ने के लिए बस एक सुई की आवश्यकता होती है। इस पोस्ट में, हम लोन लेने के बारे में सबसे सामान्य मिथकों पर बात करेंगे और आपको उनकी सच्चाई बताएंगे.
1. मेरी इस प्रोफाइल के साथ, मुझे कभी भी लोन नहीं मिलेगा!
कई लोगों के बीच यह एक सामान्य मिथक है कि उनकी प्रोफाइल लोन लेने के लिए 'इतनी अच्छी' नहीं हैं। उन्हें लगता है कि उनकी सेलरी शायद इतनी ज़्यादा नहीं है, उनकी क्रेडिट हिस्ट्री नहीं होना (या सिबिल स्कोर खराब होना) उनकी राह में बाधा बन सकता है या किराए के घर में रहने के कारण उन्हें समस्या आ सकती है.
अब अच्छी बात सुनें - आपकी प्रोफाइल चाहे जो भी हो, आप संभवतः लोन लेने में सक्षम होंगे! लोन प्रदाताओं के पास कई स्कीमें होती हैं, जो अलग-अलग प्रोफाइल के लिए तैयार की गई होती हैं। जब आप अप्लाई करते हैं, तो आपकी आयु, आय, पेशा और निवास स्थान पर विचार किया जाता है, इस बात की कम संभावना है कि सिर्फ इनमें से किसी विवरण के आधार पर आपकी एप्लीकेशन अस्वीकार कर दी जाए। आगे बढ़ें और आत्मविश्वास के साथ अप्लाई करें!
2. इतना पेपरवर्क है कि संभालने में मुश्किल होगी
पेपरवर्क। इस शब्द को सुनते ही दिमाग में डॉक्यूमेंट से भरे हुए फोल्डर, कलम की स्याही सुखा देने वाले असीमित हस्ताक्षर और इस बात का डर उत्पन्न होता है कि कोई न कोई महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट हमारे पास नहीं होगा। हालांकि, हो सकता है कि पहले ऐसा होता हो, लेकिन अब यह नहीं होता है। आजकल एनबीएफसी, ई-केवाईसी और ई-साइन की सुविधाओं को लागू कर रहे हैं। ये दोनों सुविधाएं इन कंपनियों को प्रत्येक आवश्यक विवरण को बस कुछ सेकेंडों में एक्सेस करने की अनुमति देती हैं – ये पूरी तरह से ऑनलाइन हैं, और इनमें शायद ही किसी पेपरवर्क की आवश्यकता होती है!
3. इसमें बहुत वक्त लगेगा!
यह मिथक चटनी के दाग की तरह जिद्दी है – जो जाने का नाम ही नहीं लेता। लोन अप्रूव होने में अब महीने, हफ्ते या कई दिन नहीं लगते हैं। आपके लोन एप्लीकेशन की प्रत्येक प्रोसेस - आपके विवरणों को दर्ज करने से लेकर क्रेडिट अप्रूवल तक - डिजिटल होती है और इस प्रकार, ये लगभग तुरंत पूरी हो जाती है। अधिकांश मामलों में, आपके लोन के अप्रूवल में कुछ घंटों से अधिक का समय नहीं लगता है। दूसरे शब्दों में, अप्रूवल प्रोसेस की सामान्य अवधि T20 मैच जितनी झटपट है!
4. ब्याज दरें मेरे लिए बहुत अधिक हो सकती हैं!
बैंकों और एनबीएफसी के सेल्स मैनेजर हर दिन कई समस्याओं का समाधान करते हैं, लेकिन एक प्रश्न जो हर कुछ घंटे में पूछा जाता है, वह है - "क्या ब्याज दरें किफायती होंगी?" । ब्याज दर मुख्य रूप से आपकी प्रोफाइल पर निर्भर करती है, फिर भी आप लंबी अवधि चुनकर अपनी ईएमआई को किफायती बना सकते हैं। इसके अलावा, हमेशा डिस्काउंट और ऑफर उपलब्ध रहते हैं - उनके बारे में पूछना न भूलें!
लोन कोई बोझ या बाधा नहीं है - वास्तव में, यह बहुत लंबे समय तक प्रतीक्षा किए बिना या बाद में कभी न आने वाली तारीख पर छोड़े बिना, अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने का एक स्मार्ट तरीका है! ऊपर दिए गए मिथकों को आपको रोकने न दें और लोन के लिए अप्लाई करें. एक बेहतर, समृद्ध और अधिक परिपूर्ण जीवन के लिए कदम बढ़ाएं - इसे शुरू करने के लिए आपको बस एक सुविधाजनक और समय पर मिलने वाला लोन चाहिए.