अगर आप टू-व्हीलर खरीदने योजना बना रहे हैं, तो सड़क पर अपनी गाड़ी उतारने से पहले कुछ कारकों पर विचार करना ज़रूरी है, जैसे कि टू-व्हीलर लोन की ब्याज दर, ईएमआई इत्यादि. इस बारे में उचित निर्णय लेने से पहले इन महत्त्वपूर्ण जानकारियों को अवश्य पढ़ें!
टू-व्हीलर लोन के लिए ब्याज दरें क्या हैं?
टू-व्हीलर लोन के लिए अप्लाई करते समय ध्यान में रखने योग्य सबसे महत्वपूर्ण चीज़ होती है ब्याज दर। यह सबसे महत्वपूर्ण इसलिए होती है, क्योंकि यह आपकी ईएमआई की राशि और आपके मासिक बजट पर पड़ने वाले प्रभाव को निर्धारित करती है.
ब्याज दर की गणना आपकी क्रेडिट हिस्ट्री पर निर्भर करती है. आपकी ईएमआई में आपके लोन की मूलधन राशि और लागू ब्याज दर शामिल होते हैं.
कई बैंक और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (एनबीएफसी) टू व्हीलर लोन देते हैं, जैसे टीवीएस क्रेडिट, जिससे लोगों का टू-व्हीलर खरीदने का सपना पूरा हो जाता है.
टू-व्हीलर की ब्याज दरों के विकल्पों में, आप अपने लिए सबसे उपयुक्त विकल्प भी चुन सकते हैं.
टू-व्हीलर लोन की ब्याज दर के प्रकार
लेंडर के आधार पर, टू-व्हीलर या बाइक लोन की ब्याज दर या तो वेरिएबल हो सकती है या फिर फिक्स्ड रेट हो सकती है.
इस तरह के मामलों में, फिक्स्ड रेट और वेरिएबल रेट के बीच का चुनाव प्रत्येक के साथ जुड़े जोखिम के स्तर पर निर्भर होता है.
फिक्स्ड ब्याज दर वेरिएबल दरों से अधिक होती है. हालांकि, फिक्स्ड दरें मार्केट की स्थितियों में बदलाव होने पर भी बदलती नहीं हैं.
उदाहरण के लिए, अगर आप सालाना 13% की फिक्स्ड दर को चुनते हैं, तो लोन की पूरी अवधि के दौरान यह स्थिर रहेगी.
दूसरी ओर, मार्केट दरों के आधार पर वेरिएबल ब्याज दरें अलग-अलग होती हैं. फंड आधारित लेंडिंग दर (एमसीएलआर) की मार्जिनल लागत, रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के रेपो दर बदलने पर हर बार बदलती है.
इस वजह से, समय समय पर दरें कम या ज़्यादा होती रहती हैं. हालांकि, वेरिएबल ब्याज दरें आमतौर पर फिक्स्ड दरों से कम होती हैं.
बाइक की ब्याज दर निर्धारित करने के बाद, बाइक लोन के लिए अप्लाई करने का अगला चरण है इसके पात्रता मानदंड को समझना, जिसमें डॉक्यूमेंटेशन शामिल हैं.
बाइक लोन के लिए अप्लाई करने के लिए ज़रूरी डॉक्यूमेंट
नौकरी करने वाले या स्व-व्यवसायी व्यक्ति के लिए, बाइक या टू-व्हीलर लोन के लिए अप्लाई करने के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट अलग-अलग होते हैं.
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केवाईसी डॉक्यूमेंट
फोटो, पहचान का प्रमाण (पासपोर्ट/पैन कार्ड/ड्राइवर लाइसेंस/वोटर आईडी/आधार कार्ड), पते और आयु के प्रमाण की हमेशा ज़रूरत पड़ती है.
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पिछले 3 महीने की सैलरी स्लिप/ फॉर्म 16/ हाल ही की आईटीआर
वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए मान्य है, जबकि स्व-व्यवसायी व्यक्तियों को अपना नवीनतम इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) सबमिट करना होगा
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नियुक्ति/प्रस्ताव पत्र
या वेतनभोगी और स्व-व्यवसायी व्यक्तियों के लिए TDS सर्टिफिकेट जमा किया जाना चाहिए.
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पिछले 3 महीनों की बैंक स्टेटमेंट
दोनों कैटेगरी के लिए सबमिट की जानी चाहिए.
ज़रूरी डॉक्यूमेंट के बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए यहां क्लिक करें:
कम ब्याज दर पर बाइक लोन प्राप्त करने के लिए सुझाव
2-व्हीलर लोन के लिए अप्लाई करते समय, आपकी यही कोशिश रहनी चाहिए कि कम से कम ब्याज दर पर लोन प्राप्त किया जा सके. यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जिनसे आपको ऐसा करने में मदद मिल सकती है.
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अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाने की कोशिश करें:
आपका क्रेडिट स्कोर आपको दी जाने वाली ब्याज दर निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाता है, कोशिश करें कि आपकी क्रेडिट हिस्ट्री में कुछ बकाया ना रहा हो. अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं है, तो लोन के लिए पात्रता प्राप्त करने की कोशिश करने से पहले इसे बेहतर बनाने के उपाय करें.
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अपना डेट-टू-इनकम रेशियो चेक करें:
अपने मौजूदा कर्ज को कम करने की कोशिश करें, क्योंकि इससे पता चलता है कि वर्तमान में आपकी आय का कितना हिस्सा लोन और क्रेडिट कार्ड बिलों के पुनर्भुगतान में जाता है.
इस रेशियो को कम करने के लिए अपने मौजूदा लोन को क्लियर करने की कोशिश करें. जितना कम आपका रेशियो होगा, बेहतर ब्याज दर पाने के उतने मौके बढ़ेंगे.
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अपने लेंडर से बातचीत करें:
कुछ मामलों में, अपने लेंडर से बातचीत करने से आपको बेहतर दरों पर लोन मिल सकता है. यह बात उन स्थितियों पर लागू होती है जब आप पात्रता मानदंड को पूरा नहीं करते हैं.
उदाहरण के लिए, अगर आपकी आय पर्याप्त नहीं है, लेकिन जल्द ही आपको सैलरी बढ़ने की उम्मीद है, तो इससे संबंधित प्रमाण सबमिट करने से आपको अच्छी ब्याज दरों पर लोन मिल सकता है.
आपके टू-व्हीलर लोन की ब्याज दरों को प्रभावित करने वाले अन्य कारक
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क्रेडिट स्कोर:
यह आपकी ब्याज दर निर्धारित करने वाले सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है. अगर आपका क्रेडिट स्कोर 700 से अधिक है, तो आपको कम ब्याज दरों पर लोन मिल सकता है. क्रेडिट स्कोर खराब होने से अधिक ब्याज दरों पर लोन मिलता है या कभी-कभी लोन एप्लीकेशन को अस्वीकार भी किया जा सकता है.
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आय का स्तर:
आपके लोन एप्लीकेशन को अप्रूवल देने के लिए, बैंक और लेंडर न्यूनतम आय की आवश्यकता निर्धारित कर सकते हैं. अगर आपकी आय लेंडर की तय सीमा की तुलना में कम है, तो आपको उच्च ब्याज दरों पर लोन दिया जा सकता है.
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कार्यस्थल:
आप किस कंपनी में या कहां पर काम करते हैं, इसके आधार पर भी आपको दी जाने वाली ब्याज दर पर प्रभाव पड़ता है. अगर आप एक प्रतिष्ठित कंपनी में काम करते हैं, तो इस बात की अधिक संभावना होती है कि आपकी नौकरी और आय स्थिर हो, जिससे आपको कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है.
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रोजगार का प्रकार:
स्व-व्यवसायी और वेतनभोगी लोगों को लेंडर द्वारा अलग-अलग ब्याज दरों पर लोन दिए जाते हैं.
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आयु:
आपको दी जाने वाली ब्याज दर निर्धारित करने में आयु की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. उदाहरण के लिए, अगर आप रिटायर होने वाले हैं, तो लोन का पुनर्भुगतान करने की क्षमता में कमी के कारण आपको अधिक ब्याज दर पर लोन दिया जाता है.
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लेंडर के साथ मौजूदा संबंध:
अगर आप लोन प्रदाता से पहले से जुड़े हुए हैं, तो आपको बेहतर ब्याज दरों और शर्तों पर लोन मिल सकता है.
अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब:
1. टू-व्हीलर लोन की ईएमआई की गणना कैसे करें?
आमतौर पर, लोन ईएमआई कैलकुलेटर में ये जानकारी देनी होती है: लोन राशि, ब्याज दर और पुनर्भुगतान अवधि.
2. टू-व्हीलर लोन की अधिकतम अवधि क्या है?
आमतौर पर, लोन की अवधि न्यूनतम 12 महीने से अधिकतम 60 महीने तक की होती है
3. क्रेडिट स्कोर टू-व्हीलर लोन की ब्याज दर को किस तरह से प्रभावित करता है?
क्रेडिट स्कोर कम होने से ब्याज दरें अधिक हो सकती हैं.
4. बाइक लोन के लिए कैसे अप्लाई करें?
बाइक लोन के लिए अप्लाई करने के कई तरीके हैं, जैसे ऑनलाइन और डीलर के माध्यम से अप्लाई करना, आदि.
अप्लाई करने के लिए यहां क्लिक करें: या अधिक जानकारी के लिए टीवीएस क्रेडिट साथी ऐप डाउनलोड करें.
5. बाइक लोन के लिए न्यूनतम कितनी राशि की डाउन पेमेंट देनी होती है?
टू-व्हीलर लोन के लिए, ज़ीरो डाउन पेमेंट के साथ अप्लाई किया जा सकता है.