सेकेंड-हैंड कार खरीदने की योजना बना रहे हैं?
इस बात को लेकर आशंकित हैं कि खरीदना चाहिए या नहीं?
आपको इसे खरीदना चाहिए! यूज़्ड कारें किफायती होती हैं, उनका डेप्रिसिएशन कम होता है, उन्हें कम इंश्योरेंस की आवश्यकता होती है और वे वारंटी के साथ आती हैं, और ये सुविधाएं उन्हें एक नई कार जितनी अच्छी बनाती हैं! यह सबकुछ आपकी चयन प्रक्रिया पर निर्भर करता है.
यूज़्ड कारों का मार्केट बड़ा है और तेज़ी से बढ़ रहा है. हालांकि, भारत में सेकेंड-हैंड कार इंडस्ट्री उतनी संगठित नहीं है, जिसके कारण कोई कार डीलर कितना विश्वसनीय है, यह निर्धारित करना मुश्किल होता है. आपको हज़ारों चीज़ें ध्यान में रखनी होंगी, जैसे. डॉक्यूमेंट, इंश्योरेंस, कार लोन की ब्याज दर इत्यादि. अगर आप कार डीलर या मालिकों के बहकावे में नहीं आना चाहते हैं, तो आपको सलाह दी जाती है कि किसी ऐसे व्यक्ति की सलाह लें, जो आपको पूरी प्रोसेस समझा सके.
यूज़्ड कार खरीदने के लिए यहां कुछ उपयोगी सुझाव दिए गए हैं:
चरण1: अपना विक्रेता सावधानीपूर्वक चुनें
किसी भी अन्य चीज़ पर निर्णय लेने से पहले, पहला चरण यह निर्धारित करने का होता है कि आप किससे यूज़्ड कार खरीदना चाहते हैं। भारत में तीन विकल्प प्रचलित हैं: आप इसे किसी व्यक्ति, ब्रोकर या फ्रेंचाइजी आधारित प्री-ओन्ड डीलर से खरीद सकते हैं। अगर आप विक्रेता को जानते हैं, तो पहला विकल्प निस्संदेह सबसे अच्छा है! वैकल्पिक रूप से, आप इसे छोटे स्तर के यूज़्ड कार ब्रोकर से खरीद सकते हैं। हालांकि, उनके द्वारा बताई गई कीमत पर मोलभाव अवश्य करें और कार की अच्छे से जांच करें, क्योंकि अक्सर वे इसे जल्दबाजी में बेचना चाहते हैं। अंत में, अगर आप मार्केट में अन्य कंपनियों से इसे खरीदते हैं, तो आपको थोड़ा ज़्यादा खर्च करना पड़ सकता है, लेकिन आपको कार की स्थिति की चिंता करने की आवश्यकता नहीं होगी। इसलिए जल्दबाजी न करें, अपनी प्राथमिकताओं के बारे में सोचें, और उसके अनुसार ही निर्णय लें.
चरण2: अपनी तैयारी पूरी रखें
- मॉडल चुनें:
इस चरण में व्यापक रिसर्च शामिल है। अगर आप किसी विशेष मॉडल में रुचि रखते हैं, तो इस मॉडल की अच्छी और बुरी बातों को जानने के लिए ऐसी कारों के मालिकों से बात करें। चलाने और रखरखाव की लागत के बारे में पूछताछ करें ताकि आप जान सकें कि इसे खरीदना लंबे समय में किफायती होगा या नहीं। मॉडल पर अंतिम निर्णय लेने के बाद, अगले चरण पर जाएं.
- कीमत पर मोलभाव करें:
आप जिस कार को खरीदना चाहते हैं, उसकी कीमतों के बारे में ऑनलाइन और ऑफलाइन रिसर्च करें ताकि आप मोलभाव कर सकें। हालांकि, यह न भूलें कि निर्माण के वर्ष, कार की स्थिति और यहां तक कि रंग के अनुसार भी कीमतें अलग-अलग होती हैं.
- विशेषताओं के बारे में जानें:
आपको केवल पैसों के बारे में ही नहीं सोचना चाहिए; बल्कि आपको कार की विशेषताएं भी पता होनी चाहिए ताकि कार की जांच करते समय आप पता लगा सकें कि कौन से कंपोनेंट और एक्सेसरीज़ नहीं हैं। ओह, हां यही तो अगला चरण है!
चरण3: कार की अच्छे से जांच करें
डील पर अंतिम निर्णय लेने से पहले, एक विश्वसनीय मैकेनिक द्वारा कार की जांच करवाएं ताकि अगर कुछ समस्या मिलती है, तो आप उसे मालिक के द्वारा ठीक करवा सकें या मोलभाव कर सकें.
- कार का प्रदर्शन मुख्यतः इंजन पर निर्भर करता है। इंजन से संबंधित कोई भी नुकसान आपको महंगा पड़ सकता है, इसलिए सुनिश्चित करें कि यह ठीक से काम कर रहा हो। इसके अलावा, एयर, फ्यूल, ट्रांसमिशन और ऑयल फिल्टर बदलें.
- ब्रेक चेक करने के लिए टेस्ट ड्राइव लें। धीमी और उच्च गति पर ड्राइविंग करने की कोशिश करें और देखें कि कोई वाइब्रेशन या अजीब सी आवाज़ तो नहीं आ रही है। इसके अलावा, यह भी देखें कि कार किसी एक दिशा में खिंची तो नहीं जा रही है.
- मामूली डेंट और स्क्रैच बड़ी बात नहीं हैं। हालांकि, यह सुनिश्चित करें कि कार के साथ पूर्व में कोई बड़ी दुर्घटना न हुई हो.
- एक बार इंटीरियर पर नज़र डालें और सुनिश्चित करें कि स्टीयरिंग, सीटें, डोर हैंडल आदि अच्छी स्थिति में हैं। चेक करें कि एयर कंडीशनर, म्यूजिक सिस्टम और पावर विंडो जैसे इलेक्ट्रिक इक्विपमेंट ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं.
- अंत में, सभी टायरों की जांच करना न भूलें.
चरण4: पेपरवर्क अच्छी तरह से करें
पहला चरण यह है कि ओनरशिप अपने नाम पर ट्रांसफर करवाएं। रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) अपने नाम पर ट्रांसफर करवाएं और फिर अन्य पेपर्स की जांच करें। भले ही आरसी आपके नाम पर हो, लेकिन अगर इंश्योरेंस आपके नाम पर नहीं है, तो यह निरस्त माना जाएगा। इसलिए इंश्योरेंस पॉलिसी अपने नाम पर ट्रांसफर अवश्य करवाएं या एक नई पॉलिसी प्राप्त करें। देखें कि कार के साथ कोई दुर्घटना तो नहीं हुई है और एनसीबी भी चेक करें - एनसीबी जितना अधिक होगा, उतना बेहतर है। सुनिश्चित करें कि आप जिस कार को खरीद रहे हैं, उस पर कोई लोन बकाया नहीं हो। इसके लिए आवश्यक फॉर्म चेक करें। मान्य प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट (पीयूसी), रोड टैक्स की रसीद, कार की खरीद का बिल, एनओसी आदि जैसे अन्य सभी आवश्यक डॉक्यूमेंट प्राप्त करें.
बोनस टिप:
अगर आप कार खरीदने के लिए लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो पहले से ही यूज़्ड कार लोन की ब्याज दर चेक करना न भूलें। पहली ड्राइव से पहले अपनी कार को धुलवाएं और छोटी-मोटी खराबी को ठीक करवाएं, ताकि आप अपनी इस स्मार्ट खरीदारी का पूरा आनंद ले सकें!